मेरा शहर --- जमशेदपुर
सुधा गोयल "नवीन"
जो जमशेद जी नौसेरवान जी के सपनों की उड़ान है,
जहाँ दलमा की पहाड़ियां हैं,
स्वर्णरेखा और खरकाई का संगम भी,
बाग़ बगीचे, ताल- तलैया, फूल भौंरे अनगिनत तितलियाँ,
जहाँ आम लीची अमरूद केला घर घर की शान है
और जिस पर मौसम भी मेहरबान है,
जहाँ रंग भेद और ऊंच नीच को जाता है दुत्कारा
जिसने हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई सबको है स्वीकारा,
फौलादी इरादों वाले यहाँ बनाते है फौलाद,
यहीं की उपज हैं अस्तद, प्रियंका, माधवन, और इम्तियाज.......
जमशेदपुर, कहो या कहो टाटा, हम करते हैं इस पर नाज …...
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