Thursday 17 October 2013

दुर्गा जल्दी आना

दुर्गा जल्दी आना



हे महिषासुर मर्दिनी, ओजस्विनी,
तेजस्विनी, तुम भारत की बेटी हो...
बेटी मारी जाए कोख में,
उससे पहले, हे ...
कुल्वर्धिनी तुम आना,
दुर्गा तुम जल्दी आना.

काले धन का काला अन्धेरा
सुरसा सा मुंह फैलाए है ....
लील ले सम्पूर्ण अस्तित्व को,
उससे पहले, हे ...
सर्वकार्य सिद्धिनी तुम आना,
दुर्गा तुम जल्दी आना.

कमसिन कलियाँ कुचली जा रहीं,
लाज-शर्म नीलाम हो रही,
आत्महत्या बन जाये, नियति....
उससे पहले, हे ...
मृत्यु नाशिनी तुम आना,
दुर्गा तुम जल्दी आना.

माटी पूजी, पाथर पूजा,
अल्लाह पूजा. जीजस पूजा,
मात-पिता पर उठे कुल्हाड़ी,
उससे पहले, हे ...
विंध्यवासिनी तुम आना,
दुर्गा तुम जल्दी आना.



हे महिमामयी हे पाप हारिणी
अब लाज तुम्हारे हाथ है माता,
विकराल बवंडर घोर अनर्थ  का,
प्रलयंकारी बन जाए,
उससे पहले,
हे  जगत तारिणी   तुम आना,
दुर्गा तुम जल्दी आना.



धूप-दीप नैवेद्य आरती,
इस आँगन, पूजा थाल सजा है
इंतज़ार में भीगे पलकें,
उससे पहले,
हे करुणामयी तुम आना,
दुर्गा तुम जल्दी आना,

माँ दुर्गा जल्दी आना... …...........

सुधा गोयल ''नवीन''
9334040697





















 

           


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